अजय Profile picture
सर्व तर्केभ्यः स्वाहा / सबसे सस्ते दिन / एक चुनाव की आत्मकथा / ट्वीविताएँ / साथ तुम्हारे पाना खोना /बनराकस
Aug 22, 2018 19 tweets 4 min read
#चौधरियों_का_राज

वैसे तो हमारे यहाँ कई टोलियां हैं, लेकिन एक विशेष टोली है चौधरियों की । ये कुछ ख़ास लोग हैं जिनका काम लोगों के झगडे सुलझाना और विवादों को समाप्त करना है ।
इन चौधरियों की बड़ी इज्जत है । सत्ता किसी की भी हो पहलवानों की या लंबरदारों की या लंबरदारों के संरक्षण में पंच बने रंगा- बिल्ला की लेकिन चलती केवल चौधरियों की है।
कहते हैं अंग्रेजों के ज़माने में जब अंग्रेजों को लगा कि भारत के लोग तो गंवार हैं।अपने झगडे आपस में लड़ मर के सुलझा लेते हैं।
Jun 15, 2018 7 tweets 2 min read
जब आपके आस पास 18-19 वर्ष के हँसते खेलते बच्चे को हृदयाघात से प्राण गंवाते होते देखते हैं,तब महसूस होता है कुछ गलत अवश्य है।
जब उस बच्चे की मृत्यु का समाचार सुनकर उसी की आयु का उसका मित्र दिवंगत हो जाता है तब बहुत आश्चर्य होता है। इतनी गहन मित्रता देखने में कम आती है किन्तु इसमें एक चिंता का विषय यह है कि प्रकृति ने हमारी आने वाली पीढ़ी पर भभव डालना शुरू कर दिया है । और हमारी नई पीढ़ी में जीवन की चुनौतियों और दुःख को सहन करने की क्षमता कम होती जा रही है ।
May 13, 2018 23 tweets 9 min read
#पोल_व्रत_कथा

मीडियारण्य में एक बार ऋषि पोलक अपने अट्ठासी हज़ार पोलस्टर शिष्यों के साथ एग्जिट-पोल नामक महायज्ञ कर रहे थे| तब एक जिज्ञासु शिष्य ने पोलक ऋषि से प्रश्न किया, हे ऋषि श्रेष्ठ -
यह पोल क्या है और यह किस प्रकार किया जाता है?
पोल के क्या भेद हैं?
#ExitPolls
#ExitPoll पोल किसे करना चाहिए और पोल करने से क्या लाभ होता है?
पोल को करने की शास्त्रोक्त विधि क्या है और इसे कब किया जा सकता है?
ऋषि पोलक प्रश्न सुनकर अत्यंत प्रसन्न हुए और बोले - हे जिज्ञासु आपने यह उत्तम प्रश्न किया है अतः अब मैं पोल की कथा विस्तारपूर्वक कहता हूँ ।
May 7, 2018 22 tweets 5 min read
स्थान - श्रेष्ठि पदीजरा का मंत्रणा कक्ष |
समय - रात्रि का तृतीय प्रहर |

मंत्रणा गहन थी , विषय गूढ़ था | चर्चा का विषय था कि अगर दक्षिण में युवराज की पराजय होती है तो उन्हें किस प्रकार बचाया जा सके | किस प्रकार उनकी अवश्यंभावी पराजय को विजय के रूप में परिवर्तित कर के दर्शाया जाए |
युवराज का खरमेघ यज्ञ समस्त जबूद्वीप को हार चुका था और दक्षिण में आसार कुछ ऐसे ही थे | मंत्रणाकक्ष में श्रेष्ठि पदीजरा मोदी शमन मन्त्र का अखंड जाप कर रहे थे |
Apr 26, 2018 10 tweets 2 min read
ये देश इसलिए है क्योंकि चच्चा गुलाबीलाल अलहाबादी थे , गुलाबीलाल न होते तो भारत नहीं होता | दरअसल भारत की खोज तो चच्चा गुलाबीलाल ने ही की थी | उससे पहले तो भारत में केवल सांप और सपेरे ही रहते थे | पर भारत खुजा हुआ नहीं था | गुलाबीलाल को सेवक बनने का बड़ा शौक था, इसीलिए उन्होंने अपना नाम गुलाबदास रखवा लिया था | गुलाबी तबीयत के मालिक गुलाबदास की आँखें भी गुलाबी थी | जिनसे प्रभावित होकर एक शायर ने "गुलाबी आखें जो तेरी देखीं" नामक गीत लिखा |
Apr 24, 2018 21 tweets 5 min read
#भरोसा_बड़ी_चीज़_है_बाबू

भरोसा बड़ी चीज़ है बाबू |पहले तो होता नहीं, और हो जाये तो टूटता नहीं और हो के टूट जाये तो कभी जुड़ता नहीं |
जहाँ भरोसा होता है न बाबू,वहां जिंदगी बड़ी आसानी से निकल जाती है | बड़ी से बड़ी मुश्किलों के पहाड़ चूर हो जाते हैं |
...... लेकिन भरोसा ऐसी चीज़ है बाबू कि होता नहीं है, आधों को तो खुद पे नहीं होता और आधों को दूसरों पे | 
उन्नीस सौ पैंतालीस में तो किसी को भरोसा था नहीं कि भारत कभी आज़ाद होगा, और जब सैतालीस में जब हो भी गया तो भी आज तक सरकारें भरोसा नहीं दिला पाईं कि तुम आजाद हो बाबू |
Apr 24, 2018 38 tweets 9 min read
धींगा वंश का राजकुमार और #शून्यभट्ट_का_षड्यंत्र

वि.सं. 2068 के लगभग एक विशाल राज्य में एक धींगा वंश का शासन था ।धींगा वंश लगभग सौ वर्षों से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से राज्य संभाले था । तत्कालीन महारानी की नीति अप्रत्यक्ष रूप से शासन करने की थी । महारानी ने सिंहासन पर मूकेश्वर नामक दिव्य दृष्टा को बैठा रखा था । वह देखता तो सब कुछ था करता कुछ नहीं था । सभी निर्णय महारानी ही लिया करती थी । राज्य विशाल था, उत्तर से दक्षिण तक फैला हुआ और सभी जगह एक ही राज चलता था धींगा वंश का राज ।
Apr 8, 2018 22 tweets 5 min read
एक शहर था हसीनापुर ।हसीनापुर पर तात्कालीन मार्जनीदण्ड नामक वंश का शासन था ।
महाराज रीजक स्वयं को हसीनापुर का मालिक मानते थे और हसीनापुर उनके वंश की संपत्ति । विरोध इनका जीवन था , अवरोध बनना इनका उद्देश्य | आत्म प्रसंशा इनका ध्येय था | प्रतिवाद इनका कर्म था और विवाद इनका धर्म | इस वंश के उत्थान की कथा भी रोचक है ।
एक बार एक ऋषि तापस्या कर रहे थे, तब रीजक जाकर चुपचाप वहां बैठ गया ।
जब भगवन प्रकट हुए तो ऋषि से बोला आप भोले हैं मुझे मांगने दीजिये सबका कल्याण मांगूंगा और इस प्रकार ऋषी को मूर्ख बनाकर हसीनापुर का राज्य मांग लिया ।
Apr 7, 2018 29 tweets 6 min read
हम वर्तमान सरकार को कुछ विशेष दृष्टि से ही देख रहे हैं। बहुत कुछ हमारी खुद की दृष्टि को बाधित कर रहा है ।हम कोई न कोई घटना , विचार, आंकड़ा , वक्तव्य या किसी व्यक्ति विशेष की आलोचना को ही इस सरकार की सफलता या असफलता का पैमाना मान कर सरकार के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर रहे हैं । आज बात आंकड़ों की नहीं , न ही विरोधियों की आलोचना की , न ही किसी वक्तव्य की । कुल मिला कर हम समाज और अपने जीवन में आये बदलाव पर एक नज़र डालते हैं ।
2014 से पहले एक नैराश्य था, लोगों को कुछ ख़ास उम्मीद नहीं थी ।